रतलाम। जिले के पार्श्व पद्मावती पावन धाम मंदिर परिसर रिंगनोद में आचार्य चंद्ररत्न सागर सूरीश्वर जी, चैत्य रत्न सागर जी, साध्वी हेमेंद्र श्रीजी, सौम्य वंदना श्रीजी, रजिता श्रीजी, निर्मिता श्रीजी, विशुद्ध प्रज्ञा श्रीजी, रूबिता श्रीजी, परम वंदना श्रीजी आदि गुरु–भगवंतों की निश्रा में तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव का शुक्रवार को समापन हो गया। यहां कोटा (राजस्थान) जिले के रावतभाटा शहर की बीएससी मैथ्स करने वाली 22 वर्षीय मुमुक्षु दिशा तिल्लानी सांसारिक जीवन का त्याग कर जैन दीक्षा ग्रहण कर साध्वी बनीं। उन्हें नया नाम साध्वी संयम वंदना श्रीजी दिया गया।

महोत्सव के तहत गुरुवार को मुमुक्षु दिशा का वर्षीदान का वरघोड़ा निकला। इसमें मुमुक्षु ने मुक्तहस्त से सांसारिक वस्तुएं लुटाईं, जिन्हें पाने के लिए समाजजन में होड़ मची रही। दिशा के स्वागत के लिए घर-घर तोरण द्वार बांधे गए। शुक्रवार प्रातः स्नात्र पूजन की गई। दीक्षा प्रयाण वरघोड़ा निकला। पश्चात अंतिम तिलक किया गया। गुरुदेव द्वारा दीक्षा विधि प्रारंभ की गई।

आचार्य चंद्ररत्न सागरजी ने कहा कि संसार में अनेक लोग होते हैं, जो संसार को चलाने के लिए पुरुषार्थ करते हैं, पर सच्चा पुरुषार्थ वही है जिसका अंत रजोहरण की प्राप्ति हो। आशीर्वाद देते हुए गुरुदेव ने कहा कि जिस उत्साह और उमंग के साथ रजोहरण की प्राप्ति की है, उसी उत्साह के साथ संयम जीवन का पालन करना और शासन की प्रभावना करना। मुनिश्री चैत्य रत्न सागरजी ने कहा कि जीवन में काम ऐसा करना कि लोग तुम्हें फेसबुक में नहीं, गूगल में सर्च करें। श्री जैन श्वेतांबर तपागच्छ आनंद सागर मूर्तिपूजक ट्रस्ट रिंगनोद कोषाध्यक्ष दिनेश डूंगरवाल, ओम पालीवाल, विनोद श्रीमाल, श्री जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष संजय श्रीमाल ने बताया कि जावरा विधायक डा. राजेन्द्र पांडे, नागेश्वर तीर्थ पेढ़ी के सचिव दीपचंद जैन सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।

न्यूज़ सोर्स : IPM